डीप टिश्यूज मसाज मांसपेशियों की अंदरूनी परतों के लिए की जाती है। इस मसाज की खासियत है इसको धीमे-धीमे, पर काफी मजबूत हाथों से किया जाता है, ताकि मांसपेशियों के दर्द से राहत पाई जा सके। कैसे होती है डीप टिश्यूज मसाज, बता रही हैं नीलम शुक्ला डीप टिश्यूज मसाज में मसाज थेरेपिस्ट स्लोअर स्ट्रोक्स और फ्रिक्शन टेक्नीक से मांसपेशियों की मसाज करते हैं। डीप टिश्यूज मसाज बेहद टाइट की जाती है, ताकि मांसपेशियों को दर्द से निजात दिलाई जा सके। विभिन्न प्रकार के तेल जैसे पाइन, लैवेंडर, अदरक और पिपरमेंट का तेल मांसपेशियों के दर्द को कम करने में सहायक होते है। इसलिए इनका उपयोग डीप टिश्यूज मसाज में होता है।
क्या है डीप टिश्यूज मसाज
जाजेन स्पा के निदेशक दर्शन रावल कहते हैं कि मालिश से मांसपेशियों में रक्त संचरण बढ़ता है, जिससे मांसपेशियों को गर्मी मिलती है तथा यह लेक्टिक एसिड को दूर करता है। जबकि तेल मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है और दर्द से राहत दिलाता है। डीप टिश्यू मसाज मांसपेशियों की गहरी परत को आराम पहुंचाने के लिए की जाती है। इसमें बहुत धीमे, लेकिन गहरे स्ट्रोक लगाए जाते हैं। इस मसाज के बाद ढेर सारा पानी पीने को कहा जाता है, ताकि टॉक्सिन बाहर निकल जाएं। यह मांसपेशियों की जकड़न, खिंचाव, पॉश्चर बिगड़ने, कमर दर्द और किसी चोट से उबारने में कारगर है। इसके बाद एक-दो दिन तक शरीर में हल्का दर्द रह सकता है।
दवा की तरह राहत
मांसपेशियों के दर्द में किसी अच्छे विशेषज्ञ से डीप टिश्यूज मसाज करवाना दवा और व्यायाम की तरह ही राहत देता है। वैसे भी मालिश तन और मन को तनावमुक्त करने और उसे ताजगी देने का अचूक नुस्खा माना जाता है। मालिश का इतिहास 5000 साल से भी पुराना माना जाता है। दुनियाभर में करीब 200 तरह की मालिश की जाती हैं। डीप टिश्यूज मसाज मासपेशियों को आराम पहुंचाकर तनावमुक्त बनाने का तरीका है। नियमित मालिश कराने वाले खुद को अधिक युवा, ऊर्जावान व स्वस्थ अनुभव करते हैं।
तेल भी महत्वपूर्ण
मांसपेशियों में किसी तरह का दर्द होने पर डीप टिश्यूज मसाज से लाभ उठाने के लिए कुछ जड़ी-बूटियों को तेल के साथ उबाल कर हर्बल तेल तैयार किया जाता है। यह तेल दर्द को दूर करने में सहायक होता है। वैसे डीप टिश्यूज मसाज के लिए तिल का तेल, जैतून, नारियल, बादाम रोगन व सरसों के तेल का प्रयोग लाभकारी है। तेल का शुद्ध होना जरूरी है। हमेशा तेल को थोड़ा गर्म करके ही प्रयोग करे। ऐसा करने से तेल शरीर में अच्छी तरह जज्ब हो जाता है और उचित लाभ देता है। एरोमा मसाज थेरेपी में चंदन, लैवेंडर, गुलाब या चमेली के शुद्ध एसेंसियल ऑयल को मालिश करने वाले तेल के साथ मिलाने से तेल में खुशबू व्याप्त हो जाती है।
कैसे पहुंचाता है लाभ
’जर्नल ऑफ अल्टरनेटिव एंड कॉम्प्लेमेंटरी मेडिसिन के एक शोध से पता चला कि 45 से 60 मिनट की डीप टिश्यूज मसाज से रक्तचाप कम हुआ।
’इससे रक्त प्रवाह तेज होता है और नए रक्त कण बनते हैं। उच्च रक्तचाप के इलाज में भी डीप टिश्यजू मसाज का उपयोग फायदेमंद है।
बरतें सावधानी
अगर अपने कभी रक्त के थक्के का इलाज करवाया है तो डीप टिश्यूज मसाज का चयन न करें।’ यदि आपने हाल में कीमोथेरेपी ली है या आपकी कोई सर्ज़री हुई है तो भी डीप टिश्यूज मसाज करवाने से पहले अपने अपने डॉक्टर से बात करें।’ यदि आपको ऑस्टियोपोरोसिस है तो डीप टिश्यूज मसाज से बचें।’ अगर आपको कोई चोट लगी है या कहीं कोई फ्रैक्चर हुआ है तो अपने थेरेपीस्ट से पूछे बगैर डीप टिश्यूज मसाज न कराएं। ’ गर्भावस्था के दौरान डीप टिश्यू मसाज से बचना चाहिए।’ मालिश करवाने का स्थान स्वच्छ, हवादार, शांत होना चाहिए। एकाग्रता से की गई मालिश का परिणाम अच्छा होता है।